बेघर लोगों में ज्यादा संख्या उन लोगों की है जो अच्छे अवसरों की चाहत में बाहर से शहरों में आते हैं। सड़कों पर रहने को मजबूर होने वालों में विस्थापन और बेदखली के शिकार, घर से भागे हुए पारिवारिक समस्याओं से ग्रसित, साम्प्रदायिक दंगों के शिकार, प्राकृतिक, आपदाओं के शिकार, बदकिस्मती के शिकार और मानसिक समस्याओं से ग्रसित लोग होते है। एक बार सड़क पर आने के बाद आदमी घरविहीनता और इससे जुड़ी मुसीबतों के दुष्चक्र में फंस कर रह जाता है।